गाड़ी के टायरों की देखभाल करना उनकी लंबी उम्र और सुरक्षित ड्राइविंग के लिए बहुत जरूरी होता है। सबसे पहले, टायरों में सही हवा का दबाव बनाए रखना आवश्यक है।
बहुत कम या ज्यादा हवा से टायर जल्दी घिस जाते हैं और फ्यूल की खपत भी बढ़ जाती है। हर हफ्ते टायर का प्रेशर जांचना चाहिए और वाहन निर्माता द्वारा सुझाए गए दबाव पर इसे बनाए रखना चाहिए।
इसके अलावा, टायरों का समय-समय पर घुमाव (रोटेशन) भी महत्वपूर्ण होता है। हर 5,000 से 8,000 किलोमीटर के बाद टायरों की पोजीशन बदलने से वे समान रूप से घिसते हैं और उनकी लाइफ बढ़ती है।
सड़क पर ड्राइविंग करते समय ध्यान रखना चाहिए कि गड्ढों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों से बचा जाए क्योंकि इससे टायर डैमेज हो सकते हैं और अलाइनमेंट खराब हो सकता है।
यदि गाड़ी चलाते समय किसी भी प्रकार का वाइब्रेशन या खिंचाव महसूस हो, तो टायर बैलेंसिंग और अलाइनमेंट की जांच करवानी चाहिए।
टायर की सफाई भी जरूरी होती है। गंदगी और धूल जमा होने से टायर की पकड़ (ग्रिप) पर असर पड़ सकता है। समय-समय पर टायरों को पानी से धोकर साफ करना चाहिए और किसी अच्छे टायर कंडीशनर का इस्तेमाल करना चाहिए।
इसके अलावा, हमेशा टायर की उम्र पर ध्यान देना चाहिए। सामान्यतः टायरों को 5 से 6 साल के भीतर बदल देना चाहिए, भले ही वे देखने में सही लगें।
यदि किसी टायर में कट या बुलबुले (बबल) दिखें तो उसे तुरंत बदल देना चाहिए क्योंकि इससे सड़क पर हादसे की संभावना बढ़ जाती है। अच्छी गुणवत्ता के टायर चुनें और उन्हें सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करें ताकि आपकी गाड़ी की परफॉर्मेंस और सुरक्षा बनी रहे।
भारत में बढ़िया टायर कंपनी से टायर खरीदने पर आपको टिकाऊ और मजबूत टायर मिल सकते हैं, जो लंबी यात्रा में भी भरोसेमंद साबित होते हैं।
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